Munja Movie Review: नई हॉरर कॉमेडी में भूत का धमाल, पढ़ें हमारा रिव्यू

मुनझा मूवी रिव्यू: मद्दोक फिल्म्स ने हॉरर कॉमेडी फिल्मों के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और ‘मुनझा’ इस बैनर के तहत बनी चौथी फिल्म है। इससे पहले ‘स्त्री‘ और ‘रूही‘ जैसी फिल्मों ने इस जौनर में अपनी छाप छोड़ी है। हालांकि, ‘मुनझा’ में ज्यादा मशहूर कलाकार नहीं हैं, लेकिन यह फिल्म एक लोक कथा पर आधारित है और कुछ जगहों पर हंसाने में सफल होती है। हॉरर फिल्मों का एक खास दर्शक वर्ग होता है, जो इस तरह की फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघरों में आता है। हो सकता है कि ऐसे दर्शकों को यह फिल्म पसंद आए। पूरी समीक्षा पढ़ने के लिए देखें।

Munja - Global News Article
Pic – Munja

Horror Comedy

बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों की एक समर्पित दर्शक वर्ग हमेशा से रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में हॉरर-कॉमेडी का एक नया जॉनर उभर कर सामने आया है, जिसने हिंदी सिनेमा प्रेमियों को खासा प्रभावित किया है। इसी दर्शक वर्ग को ध्यान में रखते हुए मेकर्स ने ‘स्त्री’, ‘भेड़िया’, ‘रूही’ जैसी हॉरर-कॉमेडी फिल्मों को प्रस्तुत किया। अब निर्देशक आदित्य सरपोतदार की फिल्म ‘मुंज्या’ भी इसी धारा को आगे बढ़ाती है। इस फिल्म में CGI (कंप्यूटर जनित ग्राफिक्स) से निर्मित एक अद्वितीय किरदार को पेश किया गया है, जो एक नया प्रयोग है। फिल्म में हॉरर और कॉमेडी दोनों का बेहतरीन मिश्रण है, हालांकि कहानी पर थोड़ी और मेहनत की जा सकती थी।

Cast of Munja:

  • ऐक्टर: अभय वर्मा,शरवरी वाघ,मोना सिंह,सुहास जोशी,सत्यराज
  • डायरेक्टर :  आदित्य सरपोतदार
  • श्रेणी: Hindi, Horror, Comedy
  • अवधि: 2 Hrs 2 Min

Technical Aspects

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी प्रभावी है और कोकण क्षेत्र के दृश्य मनमोहक हैं। संपादन भी कुशलता से किया गया है जिससे कहानी का प्रवाह अच्छा बना रहता है। साउंड डिज़ाइन और बैकग्राउंड म्यूजिक ने हॉरर तत्वों को और भी प्रभावी बनाया है।

Story of MUNJA:

कहानी महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में प्रचलित ‘मुंज्या’ की प्रसिद्ध दंतकथा पर आधारित है। ‘मुंज्या’ उस आत्मा को कहा जाता है जिसकी मुंडन के दस दिनों के भीतर मृत्यु हो जाती है और वह अपनी अधूरी इच्छाओं के कारण भूत बन जाता है।

Munja - Global News Article

यह कहानी 1952 में चैतुकवाड़ी नामक गांव से शुरू होती है। दस साल का मुंज्या नामक लड़का अपनी उम्र से बड़ी लड़की मुन्नी से बहुत प्यार करता है। मुन्नी को पाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार होता है, यहां तक कि अपनी बहन की बलि देकर काला जादू करने का भी निर्णय लेता है।

Read This : Movie Review: “महाराजा” विजय सेठुपति की 50वीं फिल्म में शानदार एक्टिंग

लेकिन इस अनुष्ठान के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटित होती है, जिसके परिणामस्वरूप मुंज्या की मृत्यु हो जाती है। उसकी मृत्यु के बाद, वह एक मुंज्या भूत बनकर अपनी अधूरी इच्छाओं के साथ भटकता रहता है।

Twist In Story

इस अशुभ घटना को टालने के लिए, परिवार और गाँव वाले मुंज्या की अस्थियों को जंगल में उसी पेड़ के नीचे दफन कर देते हैं, जहाँ मुंज्या कर्मकांड कर रहा था। लेकिन मुंज्या की बेचैन आत्मा एक खतरनाक भूत का रूप धारण कर लेती है। कई साल बाद, वर्तमान समय में, मुंज्या का वंशज बिट्टू (अभय वर्मा) अपनी मां (मोना सिंह) और दादी (सुहास जोशी) के साथ अपने गाँव आता है। मुंज्या का भूत बिट्टू पर सवार हो जाता है और उसे डराकर, प्रताड़ित करके अपनी मुन्नी की तलाश करना चाहता है ताकि वह अपनी अधूरी शादी की ख्वाहिश पूरी कर सके।

इस दौरान, मुंज्या की नजर बिट्टू की प्रेमिका बेला (शरवरी वाघ) पर पड़ती है और वह बेला पर आसक्त हो जाता है। अब मुंज्या को बेला की बलि चढ़ाकर उसे अपना बनाना है और शादी करनी है। क्या मासूम बिट्टू अपनी प्रेमिका बेला को मुंज्या के चंगुल से मुक्त कर पाएगा? क्या उसका परिवार इस भूत के श्राप से छुटकारा पा सकेगा? इन सवालों का जवाब आपको फिल्म देखकर ही मिलेगा।

Final Verdict:

‘मुनझा’ एक मनोरंजक हॉरर-कॉमेडी फिल्म है जो दर्शकों को हंसाने और डराने दोनों में सफल होती है। हालांकि कहानी पर थोड़ी और मेहनत की जा सकती थी, लेकिन अभिनेताओं का प्रदर्शन और तकनीकी पहलू फिल्म को देखने योग्य बनाते हैं। यदि आप हॉरर-कॉमेडी के प्रशंसक हैं, तो ‘मुनझा’ आपको निराश नहीं करेगी।

Leave a Comment