पाकिस्तानी अदालत ने इमरान खान और बुशरा बीबी को किया बरी
शनिवार को एक पाकिस्तानी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को “गैर-इस्लामी विवाह” मामले में बरी कर दिया। यह मामला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक को जेल में रखने वाला एकमात्र मामला था।
शिकायत और सजा
3 फरवरी को, आम चुनाव से कुछ दिन पहले, इस्लामाबाद की एक अदालत ने बुशरा बीबी के पूर्व पति, खवार फरीद मनेका द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर इस जोड़े को दोषी ठहराया था। मनेका ने आरोप लगाया था कि उन्होंने बुशरा बीबी की इद्दत अवधि के दौरान विवाह किया था। इस्लाम में, एक महिला को तलाक या पति की मृत्यु के चार महीने बाद तक पुनर्विवाह नहीं कर सकती।
अपील और बरी
इमरान खान और बुशरा बीबी ने इस सजा को इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत में चुनौती दी, जहां अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अफज़ल माजोका ने मामले की सुनवाई की। जज ने दिन में फैसला सुरक्षित रखते हुए दोपहर में अपना निर्णय सुनाया और खान (71) और बुशरा (49) को बरी कर दिया।
तुरंत रिहाई के आदेश
न्यायाधीश ने कहा, “अगर वे किसी और मामले में वांछित नहीं हैं, तो पीटीआई के संस्थापक इमरान खान और बुशरा बीबी को तुरंत जेल से रिहा किया जाना चाहिए।”
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि खान को रिहा किया जाएगा या नहीं। यह मामला एकमात्र था जिसके कारण खान जेल में थे, क्योंकि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सजा को निलंबित कर दिया गया था और सिफर मामले में उन्हें बरी कर दिया गया था।