सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, श्री केजरीवाल जेल में रहेंगे क्योंकि उन्हें एक अन्य मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा पूछताछ की जा रही है।
अदालत का निर्णय
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह निर्णय सुनाया। अदालत ने कहा कि श्री केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जा रही है क्योंकि वह पहले ही 90 दिनों से अधिक जेल में रह चुके हैं।
आप की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया और ट्वीट करते हुए लिखा, “सत्यमेव जयते” (सत्य की ही जीत होती है)। पार्टी ने ट्वीट में श्री केजरीवाल की राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक तस्वीर भी साझा की।
गिरफ्तारी और याचिका
श्री केजरीवाल, जो AAP के प्रमुख भी हैं, को 21 मार्च को ED ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 9 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें राहत देने से इनकार किया गया था। उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया था और कहा था कि बार-बार समन के बावजूद जांच में शामिल न होने के कारण एजेंसी के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।
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शराब नीति और आरोप
शराब नीति के तहत, जो नवंबर 2021 में लागू हुई थी, दिल्ली सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हटकर निजी लाइसेंसधारकों को दुकानें चलाने की अनुमति दी थी। जुलाई 2022 में, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने इस नीति में गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया और शराब लाइसेंसधारकों को ‘अनुचित लाभ’ पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके बाद सितंबर में इस नीति को रद्द कर दिया गया।
CBI ने आरोप लगाया कि शराब कंपनियां इस नीति के निर्माण में शामिल थीं, जिससे उन्हें 12% लाभ होता। CBI का दावा है कि ‘साउथ ग्रुप’ नामक शराब लॉबी ने AAP को ₹100 करोड़ की रिश्वत दी, जिसका एक हिस्सा सरकारी अधिकारियों तक पहुंचाया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने इन रिश्वतों के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।