नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के आयोजन में अनियमितताओं के आरोपों के कारण, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के प्रमुख सुबोध कुमार सिंह को शनिवार रात उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अनिवार्य प्रतीक्षा पर रखा गया है। अगले आदेश तक उनके स्थान पर 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी प्रदीप सिंह करोला को नियुक्त किया गया है।
- सुबोध कुमार उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं।
- NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है।
- प्रदीप सिंह करोला को उनके स्थान पर नया नियुक्ति प्राप्त हुआ है।
NEET परीक्षा के मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के आयोजन में अनियमितताओं के आरोपों के बाद, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के प्रमुख सुबोध कुमार सिंह को शनिवार रात उनके पद से हटा दिया गया है। उनको कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अनिवार्य प्रतीक्षा पर रखा गया है।
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अब उनके स्थान पर 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी प्रदीप सिंह करोला को अगले आदेश तक उनके स्थान पर नियुक्त किया गया है। पिछले दो महीनों से एनटीए देश की दो सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं और पेपर लीक के विवादों में घिरा हुआ है।
कौन हैं सुबोध कुमार सिंह?
सुबोध कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और मास्टर की डिग्री हासिल की है। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली से एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की है।
सुबोध ने 2009 से 2018 तक छत्तीसगढ़ सचिवालय में तीन बार भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में नौ साल तक काम किया है।
कौन हैं प्रदीप सिंह करोला?
- प्रदीप सिंह करोला, 1985 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी, ने अपने इतने सारे सालों के करियर में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं को संभाला है।
- वे 2021 में नागरिक उड्डयन सचिव के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं और अब राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं।
- उन्होंने एयर इंडिया में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के तौर पर भी कार्य किया है, जहां उनके प्रबंधन द्वारा विमानन सेक्टर में नयी दिशा दी गई।
- उनका अनुभव कर्नाटक में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कापोर्रेशन (केयूआईडीएफसी) के नेतृत्व को भी शामिल करता है, जो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से निवेश आकर्षित करता है।