रूस और उत्तर कोरिया ने एक दूसरे की मदद का संकल्प लिया है, यदि उन पर किसी अन्य देश द्वारा आक्रमण होता है। बुधवार को प्योंगयांग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने आपसी सहयोग को मजबूत करने और किसी भी बाहरी हमले के खिलाफ एक दूसरे की रक्षा करने का वादा किया है।
इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सैन्य संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना है। यह कदम दोनों देशों के आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अचानक राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की उत्तर कोरिया की यात्रा ने अमेरिका समेत यूक्रेन और पूरे यूरोप में हलचल मचा दी है। अपनी यात्रा के दौरान पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने प्योंगयांग में एक शिखर वार्ता की, जिसमें समग्र रणनीतिक साझेदारी को लेकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
वैश्विक परिस्थितियों में रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह समझौता पूरे विश्व में चिंता का विषय बन गया है। अब कई कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पुतिन और किम जोंग उन तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यदि ऐसा है, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है।
रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुई इस नई रणनीतिक साझेदारी ने अमेरिका को भी चिंतित कर दिया है। दोनों देशों के बीच इस पहल को आर्थिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने और अमेरिका के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है। इस समझौते के तहत, यदि रूस या उत्तर कोरिया में से किसी भी एक देश पर हमला होता है, तो दोनों देश मिलकर जवाब देंगे।
पुतिन की यह यात्रा उन हथियारों की व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हो रही है, जिनके तहत उत्तर कोरिया यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए आवश्यक हथियार रूस को मुहैया करा रहा है और इसके बदले में उसे आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी मिल रही है।
रूस के सरकारी मीडिया के अनुसार, पुतिन और किम के बीच बैठक करीब दो घंटे तक चली, जबकि प्रारंभ में बैठक का समय एक घंटे के लिए निर्धारित किया गया था। इस बैठक और समझौते ने वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जिससे आगामी समय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
गहरे हुए दोनों देशों के संबंध:
उत्तर कोरियाई नेता के साथ वार्ता की शुरुआत में पुतिन ने घोषणा की कि रूस और उत्तर कोरिया आर्थिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। पुतिन ने इसे अमेरिका और उसके सहयोगियों की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ एकजुट संघर्ष का हिस्सा बताया। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम के चलते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इसी तरह, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के कारण रूस को भी अमेरिका और उसके पश्चिमी साझेदारों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।
रूसी मीडिया ने जानकारी दी थी कि किम जोंग-उन एक स्वागत समारोह की मेजबानी करेंगे। पुतिन के बुधवार शाम को वियतनाम के लिए रवाना होने की उम्मीद है। शिखर वार्ता से पहले पुतिन ने रूस और उत्तर कोरिया के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की प्रशंसा की। किम जोंग-उन ने कहा कि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच के संबंध अब सोवियत काल से भी अधिक मजबूत हो गए हैं। उन्होंने पुतिन की यात्रा को “घनिष्ठ मित्रता” को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।
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